अगर आप जानना TRP क्या है, यह कैलकुलेट कैसे होती है, किसी भी चैनल की TRP कम और ज्यादा होने से क्या होता है और advertisers को इससे कैसे फायदा होता है आदि जानना चाहते हैं.
तो आप बिल्कुल सही लेख पढ़ रहे हैं!
आज हम आपको TRP Means in Hindi के साथ किसी भी चैनल का 1 सेकंड का advertisement Rate पता करने का तरीका भी बताने वाले हैं.
यकीन मानिए,
यह लेख पढ़ने के बाद आपको TRP के बारे में और कोई लेख पढ़ने की जरूर नहीं पड़ेगी.
तो चलिए आपको बताते हैं कि TRP क्या है.
What is TRP – TRP Means in Hindi
TRP Means in Hindi: TRP का Full Form, Television Rating Point है, जिससे हमें पता चलता है कि किस TV channel का कौनसा Show कितने लोगों ने कब देखा. TRP से हमें हर चैनल का एक measurement प्राप्त हो जाता है.
TRP का ज्यादा फायदा advertisers और चैनल वालों दोनों को होता है.
Advertisers को पता चलता है कि कौनसा चैनल और उसका कौनसा शो मशहूर है और फिर वो वहां पर पैसा लगाकर ad दिखते हैं और उनकी ad ज्यादा लोगों तक पहुँचती है.
चैनल वालों को TRP से पता चलता है कि लोग उनका कौनसा कार्यक्रम पसंद कर रहे हैं और कौनसा शो लोग नहीं पसंद कर रहे. TRP को मुख्या रख के उन्हें यह निर्णय लेने में मदद मिलती है कि उन्हें कौनसा शो बढ़ाना है और कौनसा शो बंद करना है.
हम आशा करते हैं कि आप अभी तक TRP full form meaning in hindi जान चुके होंगे, तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि TRP का डाटा कौन दिखाता है.
TRP का डाटा कौन दिखाता है और हम किसी भी चैनल की TRP कैसे देखें?
भारत में किसी भी चैनल की TRP पता करने की अनुमति BARC(Broadcast Audience Research Console) के पास है, जोकि लगभग हर चैनल के TV Show की TRP हर हफ्ते आखिर में बताता है.
इससे पहले कि हम आपको बताएं कि BARC डाटा कैसे कैलकुलेट करता है, हम आपको बताना चाहेंगे कि आप किसी भी चैनल की TRP कैसे देख सकते हैं.
अगर आप BARC द्वारा हर हफ्ते दिया जाने वाला TV Channels के shows की TRP का डाटा देखना चाहते हैं कि आप नीचे दिए गए Steps को फॉलो कीजिए.
Step 1. आपको सबसे पहले अपने Browser में BARC की official वेबसाइट BARCIndia.Co.In खोलना है और फिर Weekly Data पर क्लिक करना है.
यह ही BARC की एक official website है यहां से आप TRP देख सकते हैं, और सभी websites जो TRP का डाटा दिखती हैं, वे BARC की इस वेबसाइट से ही डाटा उठाती हैं.
Step 2. Weekly Data के पेज पर जाकर आपको side में से Top Channels को Select करना है और फिर आपके पास पिछले हफ्ते की सारी रिपोर्ट आ जाएगी कि पिछले हफ्ते कौन सा चैनल पूरे भारत में सबसे ज्यादा TRP पर रहा है.
आप चाहें तो Top Advertisers और brands को भी देख सकते हैं जो ज्यादा पैसा खर्च कर रहें हैं advertisement पर.
Step 3. आप ज्यादा Deep में जाकर भी डाटा देख सकते हैं, इस के लिए आपको Side में से Across Genres पर क्लिक करना हैै और फिर आप चुन सकते हैं कि आपको किस category(News, Punjabi, Movies आदि) के Top Channels को देखना है.
BARC किसी भी चैनल की TRP Calculate कैसे करता है?
BARC हर किसी के द्वारा किसी चैनल को देखने का समय कैलकुलेट नहीं करता, बल्कि यह अपने हिसाब से घरों को सेलेक्ट करता है और फिर यूं घरों में जाकर BAR-O Meter नामक Device लगाकर आता है.
ऐसा नहीं है कि सारा डाटा BAR-O Meter से ही इकठ्ठा किया जाता है, BARC कई set top box कंपनियों के साथ भी काम करता है जिनसे इसे सीधा ही डाटा मिल जाता है और इसे पता चल जाता है कि कौन सा व्यक्ति कब recorded और कब TV पर चल रहे शो को देख रहा है.
घरों को सेलेक्ट करने में देखा जाता है कि उस घर के लोग कितने पढ़े लिखें हैं, कौन सा काम करते हैं या उन्होंने कौन कौन से चैनल subscribe करके रखे हैं.
क्यूंकि BARC का लगभग 90% तक सभी Channels के साथ काम करता है तो यह उन सभी channels के ऑडियो में watermark लगा देता है.
Watermark जैसे images में लगे होते हैं वैसे अपने साथ काम करने वाले Channels के ऑडियो में BARC लगाता है.
चैनल के ऑडियो में Channel ID और Time Stamp का Watermark लगा होता है जोकि अलग अलग समय पर BARC के हिसाब से चलाया जाता है.
यह Watermark ऑडियो में से इंसानी कानों को सुनाई नहीं देता बल्कि यह BARC का BAR-O Meter Device ही सुन सकता है, जिससे उसे पता चल जाता है कि किस समय पर, किस घर में कौन सा चैनल चल रहा है और वो कितना समय चला.
BARC में ऐसा नहीं है कि अगर आपने एक चैनल 1 मिनट देखा तो वो 1 मिनट को ही कैलकुलेट करेगा, अगर अपने उस 1 मिनट के समय के दौरान 10 second की एक advertisement देखी तो BARC उस 1 मिनट में से advertisement के 10 सेकंड को निकालकर सिर्फ 50 सेकंड उस चैनल की TRP में जोड़ेगा.
ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे अगर हम सारा दिन TV चलाकर छोड़ दे कोई चैनल लगाकर तो उस चैनल की TRP बड़ जाएगी.
देखिए, ऐसा नहीं होता अगर BARC ने 3 लाख घरों में BAR-O Meter लगाए हैं तो वो हर बार 3 लाख घरों का डाटा analyse नहीं करेगा, BARC हर बार अपने हिसाब से अलग अलग संख्या में घरों का डाटा analyse करता है, मतलब कि कभी 1 लाख घरों का डाटा और कभी 2 लाख घरों का डाटा.
अगर कभी BARC को लगता है कि किसी घर का डाटा सही नहीं आ रहा, मतलब की अगर किसी घर में रात को 12-1 बजे cartoon चल रहे हैं तो उस समय तो बच्चे सों रहे होंगे तो ऐसे में Cartoon कौन देख रहा होगा, शायद किसी से गलती से TV on रह गया हो, तो इस तरह के डाटा को वो कैलकुलेट नहीं करता.
साथ ही अगर BARC को किसी घर का डाटा काफी समय ऐसा लगता है कि वो गलत है तो वह उस घर से BAR-O Meter हटा देता है.
BARC को क्यूंकि इतने Deep में जाकर डाटा को छांटना पड़ता है, तो इसलिए BARC हर हफ्ते आखिर में डाटा को live करता है.
हम BARC द्वारा दिए जाने वाले डाटा से एक अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस चैनल की कितनी Popularty/TRP है.
TRP कम या ज्यादा होने से Channels पर क्या फ़र्क पड़ता है?
हर चैनल का 90% तक का कमाई का हिसा सिर्फ Advertisements से आता है आरी बाकी का कुछ हिसा उनके shows में होने वाली promotions आदि से.
तो अगर किसी चैनल की TRP ज्यादा होगी तो उसे ज्यादा लोग देखेंगे तो ऐसे में Advertisers का भी यही मंत्व होता है कि उनके Ad को ज्यादा लोग देखें.
इसलिए जितनी ज्यादा TRP होगी उतनी महंगी और ज्यादा advertisers, ads लगाएंगे, जिससे चैनल को ज्यादा से ज्यादा कमाई होगी.
जैसा कि अगर कोई पॉपुलर शो हो तो उस पर चैनल को ज्यादा कमाई होती है क्यूंकि उस शो के समय के बीच लोग ज्यादा चैनल को देखते हैं और TRP बढ़ने की वजह से Advertisers ज्यादा ads लगाते हैं.
लेकिन इसके उल्ट, अगर चैनल की TRP कम हो जाए तो चैनल की कमाई पर भी उतना ही बुरा असर पड़ता है क्यूंकि कोई भी advertiser उस जगह पर पैसे लगाना नहीं चाहेगा यहां पर कम लोग हों.
किसी भी चैनल का Per Second Advertisement Rate कैसे देखें?
देखिए, Per Second Advertisement Rate वो रेट होता है जो कोई भी Advertiser किसी भी TV Channel को किसी शो के बीच चलने वाली Ad के लिए देता है.
जैसा कि हमने बताया कि BARC हर हफ्ते आखिर में पिछले हफ्ते का हर चैनल का TRP का डाटा बताता है.
लेकिन आपके मन में यह सवाल तो होगा ही कि अगर BARC हर हफ्ते आखिर में पिछले हफ़्ते की TRP का डाटा बताता है तो Advertisers को कैसे पता चलता है कि इस चैनल का TRP के हिसाब से Per Second Advertisement Rate कितना है?
किसी भी चैनल का Per Second Advertisement Rate देखने के लिए मार्केट में बहुत सारी वेबसाइट है, लेकिन हमें जो Accurate लगी वो TheMediaAnt.Com है, लेकिन यह कोई Official website नहीं है.
अगर आप किसी भी चैनल के ऊपर चल रहे शो के बीच आने वाली ad का per second Advertisement rate देखना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए steps को फॉलो कीजिए.
Step 1. आपको सबसे पहले अपने Browser में TheMediaAnt.Com की वेबसाइट के Television पेज पर जाना है.
Step 2. आपको Television पेज पर उस चैनल को ढूंढना है, जिसका आप per Second ad rate देखना चाहते हैं.
उदाहरण के लिए हम Colors चैनल को ओपन कर रहे हैं.
Step 3. आपको यहां से Ad Type को चुनना है, आप Video Ad को ही चुन लीजिएगा.
Step 4. जब आप Ad Type को सेलेक्ट कर लेंगे तब आपको Side में “Cart” पर क्लिक करना है.
Step 5. Cart पर क्लिक करने के बाद आपको TheMediaAnt पर अकाउंट बनाना होगा.
Step 6. Account बनाने के बाद आपको Colors का डाटा शो हो जाएगा.
जैसा कि आप स्क्रीन पर देख सकते हैं, अगर आप Colors के चैनल पर दिखाए गए समय पर कम से कम 10 सेकंड की advertisement 5 बार दिखाते हैं तो आपको 4,72,000 रुपए GST के साथ देने होंगे.
तो आपको Colors पर 1 Second की Ad दिखाने का खर्च 8,000 रुपए आएगा.
ऐसे ही आप इस वेबसाइट पर जाकर और channels का लगभग 1 second ad rate देख सकते हैं.
हम यहां पर एक बाद फिर से कहना चाहेंगे कि यह डाटा बिल्कुल सही नहीं है और यह TheMediaAnt.Com एक unoffficial वेबसाइट है तो आप यहां पर किसी भी प्रकार की पेमेंट करते समय जरूर सोचना और चेक करना, अगर आप इसका इस्तेमाल सिर्फ अपनी knowledge तक ही सीमित रखें तो अच्छा रहेगा.
क्या TRP को ज़बरदस्ती बढ़ाया या घटाया जा सकता है?
TRP को कैलकुलेट करने का तरीका पुराना है, जिसे कई तरीकों से manipulate किया जा सकता है और काफी channels वाले ऐसा करते भी हैं, कई channels पर TRP के साथ छेड़ छाड़ करने के आरोप काफी सालों से लगते आ रहे हैं.
जैसे कि जो कंपनी BARC के meters लगाती हैं, कई channels पर उस कंपनी में काम कर चुके या कर रहे employees को रिश्वत देकर उन घरों का पता लगाने के इलज़ाम हैं, यहां पर उनके चैनल की केटेगरी की TRP कैलकुलेट करने के meters लगे हैं.
ऐसे channels फिर या तो घर वालों को कुछ रूपये हर महीने उनका चैनल खोले रखने के लिए या फिर केबल operators को अपने चैनल की केटेगरी की TRP कैलकुलेट करने वाले घरों में TV चलाने के बाद अपना चैनल ज़बरदस्ती कुछ seconds दिखाते हुए पैसे देते पकड़े गए हैं.
हमारा advertisers को यही कहना है कि अगर वे किसी चैनल की TRP बढ़ती हुई देखकर वहां पर ad लगाना चाहते हैं तो कृपया आप उस चैनल की सोशल following, वेबसाइट visitors और उनके competitors की TRP जरूर देखें.
Conclusion
इस लेख में हमने आपको बताया है कि TRP Means in Hindi क्या है, यह कैलकुलेट कैसे होती है, किसी भी चैनल की TRP कम और ज्यादा होने से क्या होता है और advertisers को इससे कैसे फायदा होता है.
साथ में हमने आपको किसी भी चैनल का 1 सेकंड का advertisement Rate पता करने का तरीका भी बताया है.
अगर आपको हमारा लेख अच्छा लगा है तो आप हमारे लेख को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ सांझा जरूर कीजिए ताकि वे भी जान सकें कि TRP क्या है और advertisers उन्हें एक सेकंड की ad दिखाने के चैनल को कितने पैसे देते हैं.
आप हमारे पोस्ट को शेयर करके हमें सपोर्ट जरूर कीजिए क्यूंकि इतना बढ़ा पोस्ट लिखने के लिए research पर बहुत समय लगता है.